Sunday, August 15, 2010

Zindagi

जिन्दगी ए जिन्दगी
तेरा कोई अतवार नहीं
हर कोई तेरा दम भरता है
मोत से किसी को प्यार नहीं
तुमसे हाथ छुडवा कर
कोई जाये तो कहाँ जाये
तुमे एक बार खो कर
कोई पाए तो कैसे पाए
तुमे बनाने मे कभी कभी
ये उम्र भी पड़ जाती है छोटी
तेरे आकार मे कोई ढले तो कैसे
बड़ी कठिन है तेरी कसोटी
फिर भी सभी को जरुरत है तेरी
क्योकि तेरे बिना ये संसार नहीं
जिन्दगी ए जिन्दगी
तेरा कोई अतवार नहीं

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